कल सुबह की किरणों के साथ
वर्तमान एक नया आयाम लेगा |
अपने को इतिहास को समर्पित कर
भविष्य के लिए नए द्वार खोलेगा |
अपने रक्त-रंजित हश्र को छिपाए ,
रक्त-विहीन भविष्य की दुआए मांगेगा |
करुण-विलापो से घिरा हुआ फिर भी,
भविष्य का स्वागत-गान गायेगा |
बुझे हुए वो दीप भी कल
नववर्ष की बांहों में जगमगएँगे |
मुरझाये हुए वो चेहरे भी आनेवाले
नववर्ष की गोद में खिलखिलाएँगे |
सुन्न हो चुके सुर्ख होंठ भी कल
नववर्ष के हर्ष में गीत गुनगुनाएंगे|
जो पीछे रह गए, उनको भी साथ लेने की
नववर्ष में हम कसमें खायेंगे |
NAYA SAAL 2011 CARD 4 U
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please open it
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/”**I**”/
/ “MISS” /
/ “*U.*” /
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“LOVE”
“*IS*”
”LIFE”
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/ “LIFE” /
/ “*IS*” /
/ “ROSE” /
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“ROSE”
“**IS**”
“beautifl”
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/”beautifl”/
/ “**IS**”/
/ “*YOU*” /
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Yad Rakhna mai ne sub se Pehle ap ko Naya Saal Card k sath Wish ki ha….
मेरी नई पोस्ट पर आपका स्वागत है !
very nice poem
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